Header Ads

कैसे भूले हम आज का दिन


कैसे भूले हम आज का दिन








कैसे भूले हम आज का दिन ।
मेरा देश आज बहुत रोया था।।

अब्दुल कलाम के नाम का ।
मेरे देश ने हीरा खोया था।।

साँसे थम गई जब ये पता चला ।
मेरे देश की ताकत कर हमें विदा चला।।

मरते मरते भी बो इस देश को ताकतबर बना चला ।
उस मिशालमेन ने आज के दिन ।।
हम सबको अलविदा बोला था।।

कैसे में भूले हम आज का दिन ।
मेरा देश आज बहुत रोया था ।।

अब्दुल कलाम के नाम का।
मेरे देश ने हीरा खोया था।।

चलते चलते भी हमको ।
इंसानियत का पाठ बो पड़ा चला।।

जात -पात से परे वो वन्दा ।
दिलो में अपनी जगह बना चला।।

कर दी थी ।जिसने दुश्मनो की नींद हराम।
उस कलाम ने साथ हमारा आज छोड़ा था ।।

कैसे भूले ये आज का दिन ।
मेरा देश आज बहुत रोया था।।

अब्दुल कलाम के नाम का ।
मेरे देश ने हीरा खोया था।।


मोहित कुमार नम आंखों से ।
इन पंक्तियों को है।लिखे पड़ा।

कैसे भूले हम आज का दिन ।
मेरे देश ने हीरा खोया था।।


                 मोहित कुमार उर्फ आज़ाद ठाकुर

No comments