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हम मरकर भी न भूल सकेंगे बीरो के एहसानों को।

हम मरकर भी न भूल सकेंगे बीरो के एहसानों को।





हम मरकर भी न भूल सकेंगे बीरो के एहसानों को।
जिन्होंने करके जान न्योछावर आज़ादी दिलाई हम सबको।।
             
बो याद करो गांधी की आंधी।
             जिसने ब्रिटेन शासन हिला डाला।।

वो भगत सिंह राजगुरु सुखदेव की फाँसी।
जिन्होंने हर नवयुवक को आज़ादी के लिए जगा डाला।।
            
            वो याद करो जलिया बाला बाग।
            जहां लाला लाजपतराय ने लाठी खाई थी।। 

इस देश की खातिर ही तो।आज़ाद ने खुद पर गोली चलाई है।
हमने लाखो कुर्बानी देकर ये आज़ादी पाई है।।
     
    हम मरकर भी न भूल सकेगे बीरो के एहसानों को।
    जिनकी बजह से हम मना रहे।खुशहाली से त्योहारो को।।
मेरा बार -बार सत सत बार नमन है बीर शहीदों को।
जिन्होंने करके जान न्योछावर आज़ादी दिलाई हम सबको।।
             



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